रविवार, 10 अप्रैल 2011

तेरी यादों में..........

आँखों में आंसूं भरे है तेरी यादों में

हलक से पानी न उतरा तेरी यादों में

हर आहट तेरे आने का आस जगाये

भरी महफ़िल से हम उठकर चले आये

तेरी यादों में

दिल का दर्द नासूर बन गया तेरी यादों में

बह रही है आंसूओं की धार तेरी यादों में

टूटा जो नाज़ुक दिल जुड़ न पाया

रग-रग टूटा जाए तेरी यादों में

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