रविवार, 7 सितंबर 2014

नींदें.....

खा जाता है उजाला मेरी रात की नींदों को
यूँ रात भर दिए को जलने ना दिया करो....

गुरुवार, 4 सितंबर 2014

सोने की दावा दे दे........

जब भी सोता हूँ तो जाग जाता हूँ
ऐ मेरे दोस्त सोने की कोई तो दवा देदे
बनती नहीं कोई बात बिना पिए हुए
ऐ मेरे यार ना पिने की कोई दुवा दे दे

जबाब....

जबाब जब कोई ना दे
तब क्या समझू मेरे दोस्त

हम तो जबाबो के इंतजार में
मरते मरते बच जाते है......

यूँ ही...

ना पूछ ऐ  मेरे दोस्त  दिल की बात
की अपने भी जख्म दे जाते हैं

हम छुपा के रखते थे
वो कुरेद के चले जाते हैं।।।

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