सुख गये कुए , सुख गये तालाब
नहरों में पानी नही रहा
वाटर सप्लाई हुई बंद
पशु प्यासे , पक्षी प्यासे
प्यासा है दो हाथ , दो पैरो वाला इंसान
होठो पर आ रही पापड़ी
तन पसीने से तरबतर
सुखी है धरती सारी , कर रही त्राहिमाम
उस मजदूर पर रहम करो
जिसका होता सूरज से रोज टकराव
उस किसान पर रहम करो जो बैठा फसल की आस में
रहम करो उस व्यापारी पर
जो बैठा सुबह से शाम ग्राहक की आस में
बरसो इंद्र देवता, रहम करो अब आप
धरती कर रही त्राहिमाम और धरती पर रहने वाले भी कर रहे त्राहिमाम
बरसो इंद्र , हे बरसो इंद्र , अब तो बरसो इंद्र
इतना बरसो की गड्ढो में पानी भर जाए
नहरों में पानी आ जाए
तालाब पानी से लबालब हो
किसान खुशहाल हो
सबको मिले इस गर्मी से राहत
अब तो बरसो इंद्र , हे इंद्र अब तो बरसो
गुरुवार, 26 जुलाई 2012
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
लोकप्रिय पोस्ट
-
ये कोई 1 साल पहले की बात है....... एक व्यक्ति को मुंबई से पुणे जाना था... परन्तु उसने नए बने एक्सप्रेस वे की जगह पुराने रस्ते ...
-
यह एक डरावना चुटकला है. कृपया कर कमजोर दिल वालो से प्रार्थना है की वो इसे ना पढ़े. रात बहुत हो गई थी. सड़क भी सुनसान सी ही थी. इस पर बरसात ने ...
-
आजकल की लड़कियां जिन्हें कच्ची उम्र में प्यार करने का शौक होता है वह कितना भयानक होता है. अक्सर लड़कियां चौदह पन्द्रह साल की उमर में प्यार ...
-
नयी इच्छाओँ ने जन्म लेना शुरू कर दिया है... ये कैसे हो गया? अभी तो कई पुरानी इच्छाएँ, अपने साकार होने की प्रतीक्षा कर रही हैँ... अब इतनी सार...
-
मैं एक भ्रूण हूं। अभी मेरा कोई अस्तित्व नहीं। मैं प्राकृतिक रूप से सृष्टि को आगे बढ़ाने का दायित्व लेकर अपनी मां की...
-
प्रागैतिहासिक युग से चले आने वाले केवल तीन ही धर्म आज संसार में विद्यमान हैं - हिन्दू धर्म, पारसी धर्म और यहूदी धर्म । उनको अनेकानेक प्रचण्ड...
-
तुलसी की माला धारण जो लोग करते है उनके शरीर की विद्युत शक्ति कभी समाप्त नहीं होती है.तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति की असमय मृत्यु नहीं होती...
-
एक बार लोहे और सोने मे बहस छिडी ! जोरदार गरमागरम! बात तमाम पहलुओं से होते हुये इस बात पर आ गई कि जलया तू भी जाता है जलाया मैं भी जाता हूं! र...
-
१- नारी चाहे किसी भी आयु और अवस्था की क्यूँ न हो लेकिन प्रकृति से माँ ही होती है और पुरुष चाहे किसी भी आयु और अवस्था का क्यूँ न हो जाये लेकि...
-
जब छोटा था तो माँ से अक्सर एक ही सवाल पूछता था मैं कब पापा जितना बड़ा होऊंगा माँ हंसकर उस बात को टाल जाती थी फिर जब भी वक़्त मिलता था तो आईन...