सोमवार, 3 जून 2013

चले आओ कि मुझको अब अकेलापन सताता है.........
तुम्हारी याद में खोया हुआ गुलशन सताता है........
मिले थे जब हम और तुम  हो गयी थी तेज बारिश.........
मुझे पहले मिलन का अब वही सावन सताता है.........

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