ये कोई 1 साल पहले की
बात है.......
एक व्यक्ति को मुंबई से
पुणे जाना था... परन्तु
उसने नए बने एक्सप्रेस
वे की जगह पुराने रस्ते
से जाने का फैसला किया
ताकि वो रस्ते में पड़ने
वाले सुन्दर नजरों को
देख सके.
पर जब वो घाट के पास
पहुंचा तो उसके साथ कुछ
ऐसा हुआ जो नहीं होना
चाहिए था... उसकी कार बीच
रस्ते में ही ख़राब हो
गयी और आस पास मीलों दूर
तक कोई आबादी नहीं थी.
कोई और रास्ता न होने की
वजह से उसने फैसला किया
की वो पैदल ही जायेगा और
इस उम्मीद में की पास के
सहर तक कोई लिफ्ट मिल
जायेगी वो रोड के
किनारे किनारे पैदल
चलने लगा. तब तक रात हो
चुकी थी और बारिश भी
होने लगी और वो जल्दी ही
पूरी तरह से गीला हो गया
और कपने लगा.
पूरी रात ऐसे ही गुजर
गयी पर उस रस्ते से कोई
गाड़ी नहीं गुजरी और
बारिश इतनी तेज़ हो
चुकी थी की उसे अपने से
महज कुछ फीट दूर तक ही
दिख रहा था.
तभी उसे एक कार आती हुई
दिखाई दी और वो उससे
थोडी दूरी पर रुक गयी और
उसने बिना कुछ सोचे
समझे कार का दरवाजा
खोला और उसमे जाके बेठ
गया.
वो पिछली सीट पर बेठा था
और वो आगे आया उस इंसान
को धन्यवाद देने के लिए
जिसने उसे बचाया था, पर
वो यह देख कर चोंक जाता
है की ड्राईवर की सीट पर
कोई भी नहीं था.
हालाँकि आगे वाली सीट
पर कोई नहीं था और न ही
इंजन के चलने की कोई
आवाज आ रही थी फिर भी कार
धीरे धीरे चलनी शुरू हो
जाती है. वह व्यक्ति फिर
रोड की तरफ देखता है की
उसे एक तेज़ मोड़ दिखाई
देता है आर नीचे एक गहरी
घाई.
वो ये देख कर बहुत ही डर
जाता है और भगवन से अपनी
जिंदगी बचने के लिए
प्राथना करने लगता है.
पर जैसे ही वो मोड़ पास आता है
एक हाथ कहीं से
स्टीरिंग वील पर आता है
और कार को मोड़ देता है
और कार मोड़ से गुजर जाती है.
और फिर से वो
हाथ गायब हो जाती है और
कार फिर से बिना किसी
ड्राईवर के चलने लगती
है.
ऐसे ही बार बार जब भी वो
किसी मोड़ के पास आते एक
हाथ आता और कार को घुमा
देता और वो आराम से उस
मोड़ से निकल जाते.
आखिरकार उस व्यक्ति को
सामने की तरफ रौशनी
दिखाई देती है और वो कार
से उतर कर उस रौशनी की
तरफ भागने लगता है. और
पहुँच के देखता है की वो
एक गाँव है और वो एक ढाबे
पे पहुँचता है.
वो वहां पे पानी मांगता
है और आराम करने लगता
है.
तब वो वहां मोजूद सभी
लोगो को अपने उस डरावने
अनुभव के बारे में सभी
कोई बताता है.
ढाबे में एक घुप
सन्नाटा छा जाता है
जैसे ही वो बोलना बंद
करता है.
और तभी संता बंता ढाबे
में प्रवेश करते है.
संता उसी व्यक्ति की
तरफ इशारा करता है और
कहता है - "देख बंता यही
वो इंसान है जो हमारी
कार में बेठ गया था जब हम
उसे धक्का लगा रहे थे
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