शुक्रवार, 15 जुलाई 2016

टूटे-टूटे से है.....


टूटे-टूटे से है सपने,

टुटा-टुटा सा है जीवन.....




फूल सारे टूट गए,
जेसे बिन माली उपवन.....





पानी खूब बरसा अबकी बार,
फिर भी प्यासी है अखियन.......




फिर भी तुम भूले ना हम भूले
वो तेरा जिद्दीपन, और वो मेरा दीवानापन.....

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