सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

खामोशियाँ.....

आज मैंने एक नया सबक सीखा ज़िन्दगी में।
खामोशियाँ ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग रूठते बहुत है।।

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