रविवार, 25 अक्तूबर 2015

हम छोड़ चले है.....

हम छोड़ चले है महफ़िल को
याद आये कभी तो मत रोना
इस दिल को तसल्ली दे देना
घबराये कभी तो मत रोना

एक ख्वाब सा देखा था हमने
जब आँख खुली तो टूट गया
यह प्यार तुम्हें सपना बनकर
तडपाये कभी तो मत रोना

तुम मेरे ख़यालों में खोकर
बरबाद ना करना जीवन को
जब कोई सहेली बात तुम्हें
समझाये कभी तो मत रोना

जीवन के सफ़र में तनहाई
मुझको तो ना ज़िंदा छोड़ेगी
मरने की खबर ऐ जान-ए-जिगर
मिल जाये कभी तो मत रोना

फ़िल्म... जी चाहता है (1962)

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