शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

निशब्द.....

कभी ख़ामोशी बोल गई,
  कभी शब्द नि:शब्द कर गए,

कभी कोई बात चुभ गई,
  कभी बात न होना चुभ गया!

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