मन इतना बेचैन क्यूँ है
कलम भी अब खामोश है
खुरच दे सारा बदन
महसूस कर उस दर्द को
कम्बखत ख़ामोशी में उस दर्द का
एहसास बड़ा प्यारा होता है.........
कलम भी अब खामोश है
खुरच दे सारा बदन
महसूस कर उस दर्द को
कम्बखत ख़ामोशी में उस दर्द का
एहसास बड़ा प्यारा होता है.........
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