भ्रष्ट नेता
वाह रे वाह नेता दमदार , कैसा फैलाया हैं मायाजाल
हर क्षेत्र में ये पारंगत, क्षण में बदले अपनी फितरत
बुद्धिवान गुनी अति चातुर, देश का पैसा खाने को आतुर
चोर डाकू के तुम रखवाले, इनकी मदद करे बिन पैसा ले
देश दुनिया में आग लगाई , अपने घर पर साज सजाई
चले ये मंत्री सांप की चाल , करे देश का बंटाधार
करते-रहते गड़बड़ घोटाला , अपने हाँथ करे मुंह काला
एक दुसरे की कुर्सी खिंचावे, अपने सिर के बाल नुचावें
देश की जनता मरती भूखी-प्यासी, देते नहीं एक भी सुखी रोटी
नाम किया हैं अब बदनाम , देश को करे लहुलुहान
देश की जनता पर करे हैं वर, मचा हैं कैसा हाहाकार
भारत को नौच-नौच के खावे , बन्दर जैसा नाच नचावे
रावन होत अब शर्मिंदा, मुझे बड़ा कौन ये दरिंदा
जा-जय-जय इनकी सरकार
बंद करो ये अत्याचार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें