कुछ मेरे मन की.....
twitter
मुखपृष्ट ( Home )
facebook
twitter
Instagram
Linkedin
शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
मेरी बाहों में .........
दर्द जब आंसुओं में ढल जाएँ,
मेरी आँखों में आके बह जाना |
भूलकर कशमकश ज़माने की,
मेरी बाहों में आके रह जाना |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लोकप्रिय पोस्ट
सच्ची डरावनी कहानी (कमज़ोर दिल वाले न पढ़ें)
ये कोई 1 साल पहले की बात है....... एक व्यक्ति को मुंबई से पुणे जाना था... परन्तु उसने नए बने एक्सप्रेस वे की जगह पुराने रस्ते ...
एक डरावना चुटकला.
यह एक डरावना चुटकला है. कृपया कर कमजोर दिल वालो से प्रार्थना है की वो इसे ना पढ़े. रात बहुत हो गई थी. सड़क भी सुनसान सी ही थी. इस पर बरसात ने ...
सुनो लड़की......
आजकल की लड़कियां जिन्हें कच्ची उम्र में प्यार करने का शौक होता है वह कितना भयानक होता है. अक्सर लड़कियां चौदह पन्द्रह साल की उमर में प्यार ...
क्यों कि मैं कन्या भ्रूण हूं
मैं एक भ्रूण हूं। अभी मेरा कोई अस्तित्व नहीं। मैं प्राकृतिक रूप से सृष्टि को आगे बढ़ाने का दायित्व लेकर अपनी मां की...
दिमाक और मन..........
नयी इच्छाओँ ने जन्म लेना शुरू कर दिया है... ये कैसे हो गया? अभी तो कई पुरानी इच्छाएँ, अपने साकार होने की प्रतीक्षा कर रही हैँ... अब इतनी सार...
गुण तुलसी के पौधे की
तुलसी की माला धारण जो लोग करते है उनके शरीर की विद्युत शक्ति कभी समाप्त नहीं होती है.तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति की असमय मृत्यु नहीं होती...
हिन्दू धर्म - एक परिचय , स्वामी विवेकानन्द जी का भाषण
प्रागैतिहासिक युग से चले आने वाले केवल तीन ही धर्म आज संसार में विद्यमान हैं - हिन्दू धर्म, पारसी धर्म और यहूदी धर्म । उनको अनेकानेक प्रचण्ड...
लोहे और सोने कि बहस.........
एक बार लोहे और सोने मे बहस छिडी ! जोरदार गरमागरम! बात तमाम पहलुओं से होते हुये इस बात पर आ गई कि जलया तू भी जाता है जलाया मैं भी जाता हूं! र...
बेटी बचाओ...........
१- नारी चाहे किसी भी आयु और अवस्था की क्यूँ न हो लेकिन प्रकृति से माँ ही होती है और पुरुष चाहे किसी भी आयु और अवस्था का क्यूँ न हो जाये लेकि...
मैं कब पापा जितना बड़ा होऊंगा
जब छोटा था तो माँ से अक्सर एक ही सवाल पूछता था मैं कब पापा जितना बड़ा होऊंगा माँ हंसकर उस बात को टाल जाती थी फिर जब भी वक़्त मिलता था तो आईन...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें