तुम और मैं पति पत्नी थे
तुम माँ बन गई , मैं पिता रह गया ।
तुमने घर सम्भाला , मैंने कमाई लेकिन
तुम " माँ के हाथ का खाना " बन गई ,
मैं कमाने वाला पिता रह गया ।
बच्चों को चोट लगी और
तुमने गले लगाया , मैंने समझाया
तुम ममतामयी बन गई , मैं पिता रह गया ।
बच्चों ने गलतियां की,
तुम पक्ष ले कर " understanding Mom " बन गईं और
मैं " पापा नहीं समझते " वाला पिता रह गया ।
" पापा नाराज होंगे " कह कर तुम बच्चों की
best friend बन गईं और
मैं गुस्सा करने वाला पिता रह गया ।
तुम्हारे आंसू में मां का प्यार और
मेरे छुपे हुए आंसूओं मे मैं निष्ठुर पिता रह गया ।
तुम चण्द्रमा की तरह शीतल बनतीं गईं और
पता नहीं कब मैं सूर्य की अग्नि सा पिता रह गया ।
तुम धरती माँ , भारत मां और मदर नेचर बनतीं गईं और
मैं जीवन को प्रारंभ करने का दायित्व लिए सिर्फ
एक पिता रह गया ।
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