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कहीं ऐसा तो नहीं इंटरनेट मुहैया करवाने वाली कुछ लुटेरी (आइडिया, वोडाफोन, एयरटेल) जैसी लुटेरी कंपनियों ने ट्राई के अधिकारीयों के मुहं में हड्डी ठूंस दी है, जिससे इनको जनता को मिलने वाली मुफ्त सुविधा देखना इनकी आँख की किरकिरी बन चुका है,
अब जियो वाले अपने ग्राहकों को कितने पैसे में कितना टॉकटाइम या डेटा दे रहे हैं.. इससे ट्राई वाले को क्या मुसीबत हो गयी ? ? ट्राई ने आदेश दिया है कि जियो वाले "समर छूट" 3 महीने नहीं बढ़ा सकते.. यहां तक कि प्राइम ऑफर अप्रैल तक ही करवाने को था तो 15 दिन का एक्सटेंशन क्यों दिया गया ? ?
ना जाने कितने सालों से एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, aircel आदि करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई को चूस रही थी.. करोडो लोगों का एक ही दिन में कोई प्लान एक्टिवेट करके 30 रूपये बिना बताए काट लेती थी... जो मर्जी आये वैसे टॉकटाइम का रेट रखती थी... कोई भी 250 के आसपास ही एक gb डाटा देता था.. अरबों खरबों की लूट जारी थी.. तब ट्राई वालों ने जनता के दुःख दर्द को नहीं सुना.. इस लूट में से ट्राई के अफसर भी करोड़ों रूपये खाते रहे और अंधे बने रहे...
मैंने यूँही हिसाब लगाया था.. कि अगर 30 रूपये 1 लाख ग्राहक का एक बार में कट जाए तो एक झटके में 3000000 रूपये हो जाते हैं.. किसी opertor के पास एक करोड़ ग्राहक हैं और वो इस तरह से हर दिन कोई ना कोई घपला करके 30 लाख या 50 लाख कमाये तो सोचिये ये कितना बड़ा लूट है... बहुत मामले में तो आपके पास 50 रूपाये का बैलेंस है और कंपनी ने एक लाख ग्राहक के सिर्फ 5 रूपये भी काट लिए तो सोचिये कितने हो गए.. ग्राहक भी सोचता है.. मैंने ही कुछ कॉल किया होगा.. या संशय में पड़ कर ज्यादा नहीं सोचता... और फिर कौन सा ग्राहक 5 या 10 या 30 रूपये के लिए कोर्ट में जाकर इनसे लड़ेगा.. ? ज्यादातर लोगों को तो पता ही नही चलता कि उनका पैसा कट गया है ..
लेकिन आज जब जियो वाले ने देश के दूरसंचार घोटाले को सफलता पूर्वक बंद कर दिया तो... ट्राई वालों को भारतीय जनता की ये ख़ुशी देखी नहीं जा रही... जाहिर है विपक्षी ऑपरेटरों ने ऐसे गलत फैसले दिलवाने के लिए ट्राई के घूसखोर अफसरों तक बड़ी रकम पहुंचाई होगी...
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