ना तुम मुझे याद रखो ना मैं तुम्हें याद रखूं
आवो वहां मिल के महफ़िल सजाते हैं
कल का किसे क्या पता अरे कल का किसे क्या पता आओ यही मिल के खुशियां मानते हैं
एक टिप्पणी भेजें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें