शनिवार, 12 मार्च 2016

तन्हां....

माना कि दूरियां कुछ बढ़ सी गयी हैं लेकिन...

तेरे हिस्से का वक्त आज भी...तन्हा ही गुजरता है....

मुद्दतों बाद....

मुदत बाद जब उसने कहा ” तुझे भुल जाना चाहती हूँ मैं….

आसूं आ गए आखों में ये सोच कर कि इसे अब तक याद हुं मैं.....

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