रविवार, 22 मई 2016

रूठे हुये.....

"आज इतना जहर पिला दो कि सांस तक रुक जाए मेरी,
सुना है कि सांस रुक जाए तोरूठे हुये भी देखने आते हैं .....

ठोकर.....

तुम मुझे समझाओगे ठोकर का मतलब.......

मैं तो एक अरसे तक पत्थर रहा हूँ..........

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