एक बार लोहे और सोने मे बहस छिडी !
जोरदार गरमागरम! बात तमाम पहलुओं से होते हुये इस बात पर आ गई
कि जलया तू भी जाता है जलाया मैं भी जाता हूं! रे लोहे तू भी पिटता है और
मैं भी पिटता हूं अपने अपने कार्यशालाओं में पर तेरे कार्यशाला से आवाजें बहुत निकलती हैं
मैं तो हर दर्द सह लेता हूं शान्ति से सोना बोला! इसीलिये मैं सोना हूं और तू लोहा!!
लोहे ने धैर्यपूर्वक जवाब दिया -
सोने तू बात तो ठीक कह रहा है पर तूने एक बात पर गौर नही किया कि
तू जिस हथौडी से पिटता है वो भी लोहे की है और मैं भी जिसके द्वारा पीटा जाता हूं वो भी लोहे की है!
आंखॊं मे आंसू लिये लोहे ने आगे कहा - ""तू गैरों से मार खाता है पर मैं तो अपनों के हाथों मारा जाता हूं !""
यही हाल हमारा है हिन्दू हिन्दुस्तान मे अपनों द्वारा ही मारा जा रहा है!!
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