गुरुवार, 17 मई 2012

चल पड़े मेरे कदम............

चल पड़े मेरे कदम, जिंदगी की राह में,
दूर है मंजिल अभी, और फासले है नापने..........
जिंदगी है बादलों सी, कब किस तरफ मुड जाय वो,
बनकर घटा घनघोर सी, कब कहाँ बरस जाय वो...............
क्या पता उस राह में, हमराह होगा कौन मेरा,
ये तो  इश्वर ही जानता, या जानता जो साथ होगा.............

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