मन बहुत उतावला होता है |
इसमे न जाने कितने सवाल उठते है या जबाब मिलते है |
चाहे उनमे मै स्वयं ही घिरा हूं या फ़िर समाज या देश के प्रति मेरी उदासीनता या फ़िर जिम्मेदारी |
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आप भी मेरी इस कशमकश के साथी हैं,
साथ चलकर या अपनी प्रतिक्रिया, विचार और राय के साथ् |
मेरे मन मे आज क्या है लिख दूँ पर हर पल न जाने किस ख्यालों में खोया रहता हूँ |
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