शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

मैं तुम्हें भूल गया हूँ.......

ऐ दोस्त........$........

मैं तुम्हें भूल गया हूँ
या यूँ कहूँ कि तुम्हें याद ही नहीं करता
न जाने क्यूँ दिल ही नहीं करता..........

तुमने भी कोशिश की होगी भूल जाने की मुझे,
याद न आने की मुझे तुम्हारी कोशिश साकार कर रहा हूँ
तुम्हें भूल कर, तुम्हें याद कर रहा हूँ.........

अब तो उम्र भी गुजर गयी, रोज की आदतों की तरह
फिर एक दिन गुजर गया, रोज के रास्तों की तरह
तुम्हें भी न याद किया, खुद की साँसों की तरह .........

2 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

गहरे भाव लिए पंक्तियाँ ....शुभकामनायें

Unknown ने कहा…

प्रतिक्रिया देने के लिए आप का धन्यवाद डॉ. मोनिका जी.....

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