शुक्रवार, 20 मार्च 2020

राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई

राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई जी का इंटरव्यू......

राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने दावा किया है कि एक 'लॉबी' के चलते न्यायिक स्वतंत्रता पर खतरा है. उन्होंने कहा कि आधा दर्जन लोग ऐसे हैं जो जजमेंट उनके पक्ष में ना आने पर जजों की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं. 

न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब है कि इसके ऊपर बैठे आधा दर्जन लोगों के शिकंजे को खत्म करना है. जब तक यह शिकंजा खत्म नहीं होगा तब तक न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं हो पाएगी. वे जजों को फिरौती देने के लिए पकड़ते हैं. अगर कोई फैसला उनके मन मुताबिक नहीं आता तो वह जज की छवि को खराब करने की हरसंभव कोशिश करते हैं. मैं यथास्थितिवादी न्यायाधीशों के लिए डरता हूं, जो उनका सामना नहीं करना चाहते हैं और जो शांति से सेवानिवृत्त होना चाहते हैं.

गोगोई ने उस आलोचना को भी खारिज कर दिया जिसमें विभिन्न नेता कह रहे थे कि उन्हें राज्यसभा सदस्यता, फैसलों की वजह से मिली है. 

उन्होंने कहा कि मेरी निंदा इसलिए हो रही है क्यों मैंने लॉबी को खारिज कर दिया. अगर एक जज अपनी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार मामले का फैसला नहीं करता तो वह अपनी शपथ के साथ न्याय नहीं कर रहा है. अगर कोई जज फैसला इस आधार पर करेगा कि आधा दर्जन लोग क्या कहेंगे तो वह शपथ के साथ अन्याय कर रहा है. मेरी अंतरात्मा ने मुझे जिस ओर दिशा दी मैंने वह फैसला किया. अगर मैं ऐसा नहीं करूंगा तो मैं एक न्यायाधीश के रूप में उचित नहीं हूं.

साल 2018 की प्रेस वार्ता का जिक्र करते हुए गोगोई ने कहा, 

'जब मैंने जनवरी 2018 में प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो मैं लॉबी का प्रिय था. लेकिन वे चाहते हैं कि जज एक निश्चित तरीके से केस तय करें और उसके बाद ही वे उन्हें 'स्वतंत्र जज' के रूप में प्रमाणित करेंगे. मैंने कभी यह महसूस नहीं किया कि अदालत के बाहर कुछ अपेक्षा है. मुझे जो सही लगा, मैंने किया अन्यथा मैं एक जज के तौर पर सही काम नहीं कर रहा हूं.'

'दूसरों की राय से कभी नहीं डरा'

पूर्व CJI गोगोई ने कहा, 'दूसरों की राय से (पत्नी को छोड़कर) ना कभी डरा था, ना डरता हूं और ना ही डरूंगा. मेरे बारे में दूसरों की राय क्या है, यह मेरी नहीं बल्कि उनकी समस्या है और इसे उन्हें ही हल करना है.

अयोध्या फैसले पर गोगोई ने कहा,

'यह पांच न्यायाधीशों की बेंच का सर्वसम्मत निर्णय था. राफेल भी तीन जजों की बेंच का निर्णय था. क्या वे सभी न्यायाधीशों की निष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं?'

उन्होंने कहा कि 'न्यायाधीशों ने 'लॉबी' द्वारा अपशब्दों के प्रयोग के कारण चुप रहना पसंद किया. 

पूर्व CJI ने कहा, 'मैं आज चुप नहीं रहूंगा.' राज्यसभा सांसद के लिए नामित होने पर उपजे विवाद और विरोध पर गोगोई ने कहा, 'यदि कोई पूर्व CJI प्रो क्विड चाहता है, तो वह बड़े लाभ और सुविधाओं के साथ बड़े आकर्षक पदों की तलाश कर सकता है, न कि राज्यसभा का नामांकन. मैंने फैसला किया है कि अगर नियम अनुमति देता है, तो मैं राज्यसभा से वेतन और भत्ते नहीं लूंगा और छोटे शहरों में लॉ कॉलेजों के पुस्तकालयों को रेनोवेट करने के लिए दे दूंगा.'

2G मामले में यह लॉबी चुप क्यों थी?

सीलबंद रिपोर्ट मंगाए जाने के मुद्दे पर गोगोई ने कहा, 'क्या हमें राफेल जेट से जुड़े हथियारों से संबंधित संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए थी? पाकिस्तान दिल खोलकर हंसता और कहता कि उसने सर्वोच्च न्यायालय के जरिए भारत को पीछे छोड़ दिया. और क्या राफेल सौदा मूल्य निर्धारण के बारे में समान स्तर की पारदर्शिता की मांग के लिए एक साधारण सड़क निर्माण याचिका की जांच थी?' 

जब सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी स्पेक्ट्रम के अनियमित आवंटन से संबंधित मामले को सीलबंद कवर रिपोर्ट के जरिए निपटाया था, तो यही लॉबी चुप क्यों थी? जब शाहीन बाग विरोध पर सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद कवर रिपोर्ट दी गई तो वे चुप क्यों हैं? इस पर सवाल क्यों नहीं उठाया जा रहा है?'

राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने नामांकन पर, गोगोई ने कहा, 'यह प्रस्ताव एक सप्ताह पहले एक व्यक्ति द्वारा आया था जो न्यायपालिका या सरकार से जुड़ा नहीं है. क्या एक पूर्व CJI, जिसने संवैधानिक न्यायाधीश के रूप में 20 साल बिताए हैं, वह संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राज्यसभा के लिए नामांकित होने के लिए उपयुक्त नहीं है जहां राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर चुनाव करता है? किस तरह से एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश नामांकन स्वीकार करके न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करता है?'

पूर्व CJI से जब पूर्व सहयोगियों जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ द्वारा उनकी आलोचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जब मैं एक सिटिंग जज था तब मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया था. आज संतोषजनक ढंग से (मेरी संतुष्टि) एक जज के रूप में मैंने अपनी भूमिका पूरी की, अगर मैं राज्यसभा के लिए नामांकन स्वीकार करता हूं, तो न्यायिक स्वतंत्रता से समझौता करने का सवाल ही कहां है?'
कॉपी....अभिजीत श्रीवास्तव जी

गुरुवार, 19 मार्च 2020

कोरोना वाइरस से बचाव के उपाय


WHO का कहना है कि हाथ बार-बार धोना चाहिए, जिन लोगों को कोरोना वायरस हुआ है उन्हें चेहरे पर मास्क पहनना चाहिए. अगर कोई खांस या छींक रहा है उसे मास्क पहनना जरूरी है. मास्क को इस्तेमाल करने से पहले आपने हाथों को अच्छे से धो लें ! अगर आप बड़ी दुकान में जा रहे हैं तो डिजिटल पेमेंट करने की कोशिश कीजिए. कैश का लेने-देने कम कीजिए. जहां डिजिटल पेमेंट नहीं है Exact पैसा दीजिए ताकि आप को दुकानदार से कुछ लेना न पड़े. आप लोग सब्जी खरीदने जाते हैं, जो सब्जी और फल आप खरीदते हैं उस पर कई लोगों के हाथ लगाते हैं. हो सकता है कोई संक्रमित व्यक्ति सब्जी को छुआं हो. इसीलिए सब्जी और फल को घर लाने के बाद उसे बढ़िया से साफ कर लीजिए. सब्जी धोने के बाद आप-अपने हाथ भी बढ़िया से धोएं.  फल और सब्जियों में भी कोरोना वायरस के कीटाणु हो सकते हैं क्योंकि उसे कई लोग छूते हैं.!

किसे पहनना चाहिए मास्क ? 
अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क की जरूरत नहीं है. अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा. जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए किन्तु यदि आप किसी सार्वजनिक आफिस में कार्य कर रहे  है कई सहकर्मी  सम्पर्क  में   है  तो आपको  मास्क जरूर  पहनना चाहिए 
. मास्क पहनने का क्या है तरीका?
 मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए. अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए. मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे. मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़क कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए. हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए. कोरोना के ख़तरे को कम करने के उपाय कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं. अपने हाथ अच्छी तरह धोएं. खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढक लें. हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें. कोरोना वायरस के लक्षण कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़ार होता है. इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है. इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है. कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है. उम्रदराज़ लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है. कुछ और वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं जैसे ज़ुकाम और फ्लू में. कोरोना का संक्रमण फैलने से कैसे रोकें? 
अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है. घर पर रहें ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें घर में मेहमान न बुलाएं. घर का सामान किसी और से मंगाएं. अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें. अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें. 14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके. इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस पार्सल, चिट्टियों या खाने के ज़रिए फैलता है. कोरोना वायरस जैसे वायरस शरीर के बाहर बहुत ज़्यादा समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते. कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाये तब? 
इस समय कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं. जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आप दूसरों से अलग रहें. कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है. इस साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा. कुछ अस्पताल एंटी-वायरल दवा का भी परीक्षण कर रहे हैं.
जान है तो जहान है …..

बुधवार, 18 मार्च 2020

कोरोना वायरस, सरकार और जनता

भारत अभी संक्रमण के सेकेंड स्टेज पर है अभी थर्ड स्टेज में एंटर कर सकते हैं अगर हमने लापरवाही बरती, 

अब तक हमारी सरकार ने जिस लगन और गंभीरता के साथ कार्य किया है वो सराहनीय है, चिंता मत करिए ये पोस्ट कोरोना से बचाव के लिए नही है, वो दिन रात TV पर चल ही रही है । TV नही देख सकते तो फेसबुक चला रहे मतलब इंटरनेट तो होगा ही तो सीधे WHO की वेबसाइट पे सारी जानकारी उपलब्ध है,

पर उपलब्ध क्या नही है ?
कोरोना की वजह से हो रही राजनीति और उसपर भारत का रुख ।

डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नया शिगूफा छोड़ा है, उन्होंने कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस कहा है इससे चिढ़ कर चीन ने इसे रेसिस्ट बताते हुए अमेरिका के टॉप इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पत्रकारों को देश निकाला दे दिया है जो चीन में थे ।

शुद्ध रूप से यह एक चायनीज वायरस है, जो वुहान के सी फ़ूड मार्केट में पहली बार, शक है कि अवैध पशु तस्करों से फैला ।

चीन ने ये जानकारी छुपाई, उसे डर था कि इससे उसकी अर्थव्यवस्था डूब सकती है, पर अंत मे वही हुआ, इतना भयानक OUTBREAK हुआ कि चीन कुछ नही कर सका, उसने फौरन Isolation strategy पर कार्य करना शुरू कर दिया ।

ठीक उसी समय जब पूरा यूरोप सो रहा था, अमेरिका सो रहा था, भारत मुस्तैद था, जब तक यूरोपियन देश Globalisation के रुकने के नुकसान फायदे गिनते रहे तब तक बहुत देर हो चुकी थी, वो तीसरी स्टेज पे प्रवेश कर चुके थे, इटली में तो एक ही दिन में साढ़े तीन सौ लोग मर गए ।

आज सुबह सुबह ही सरकार की विरोधी और स्वरा भास्कर की सहेली सोनम कपूर लंदन से भारत आयीं अपने पति के साथ, उन्होंने कई वीडियो पोस्ट किए, उसमे उन्होंने एक बात कही की लंदन एयरपोर्ट पर कोई कोरोना की जाँच नही हो रही थी, जबकि भारत मे बाकायदे एक एक व्यक्ति से फॉर्म भरवा के उनकी ट्रेवल हिस्ट्री पूछ के जाँच के बाद ही एयरपोर्ट से जाने दिया जा रहा था, 

जो एक सुखद एहसास था, व्यक्ति दुनिया मे कहीं भी हो लौट के अपने घर ही आता है, सवाल ये भी हो सकता है क्या यही सोनम कपूर वापस आतीं अगर भारत मे वो स्थिति होती जो लंदन में है ?
उल्टा ये वही से बैठे बैठे ट्वीट पे ट्वीट करतीं की भारत की सरकार कितनी निकम्मी है,

देश प्रेम उसे नही कहते जब आपके देश मे खुशहाली हो और आप मजे कर रहे हों,
देश प्रेम उस डॉक्टर से पूछिए जो लखनऊ के KGMU का है और कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों का इलाज अपनी जान हथेली पर लेके कर रहा था और खुद ही संक्रमित हो गया 

देशप्रेम उस प्राइम मिनिस्टर से पूछिए जो नवरात्रि उपवास रहता है पर इस बार होली नही मनाई, ताकि किसी भी प्रकार की भूल न हो जाए, जब पूरी दुनिया सो रही थी तो उसने एयरपोर्ट पर जाँच के निर्देश दिए थे,
देश प्रेम उन एयर इंडिया के फ्लाइट क्रू मेम्बर्स से पूछिए जो वुहान में घुस गए, उन डॉक्टरों की टीम से पूछिए जो ईरान में घुस गए,

ये सब योद्धा हैं, इन्होंने तो अपने जान की परवाह न करते हुए काम किया, एक हम हैं जो एयरपोर्ट पर अपने पासपोर्ट के लिए कुत्तों की तरह लड़ रहे हैं, कोरोना वायरस से संक्रमित होते हुए भी हॉस्पिटल से भाग जा रहें हैं, इटली से फटी तो भागे और यहाँ उतर कर Quarantine facility का वीडियो बना कर बता रहें कि प्लास्टर अच्छे से नही हुआ है, फाइव स्टार टॉयलेट नही है, अलग अलग सेपरेट किंग साइज बेड रूम नही है ।

इस मुश्किल घड़ी में भी सैनिटाइजर स्टॉक कर रहें हैं, मास्क स्टॉक कर रहें हैं, जब सरकार ने कह रखा है कि ज्यादा भीड़ इकट्ठा न करें न जाएँ तो क्या आप बस इतना भी नही कर सकते ?

यहाँ तो सरकार तुम्हे पकड़ रही है, फ्री में इलाज करवा रही, आइसोलेट कर रही है, इंग्लैंड में पता है क्या हो रहा है ?

बोरिस जानसन ने कहा है कि वो herd immunity को चुनेंगे न कि Isolation tactic !
अब ये herd immunity क्या है इसको साधारण भाषा मे समझिए
इसमें सरकार Community transfer का लोड नही लेती, यह एक प्रकार से डार्विन के उत्तरजीविता के सिद्धांत की तरह है, की जिसके बम में होगा दम वही जियेगा ।

होता क्या है कि हमारी शरीर का इम्यून सिस्टम ऑटोमैटिक किसी भी वायरस या बैक्टीरिया से लड़ता है, Antibodies का निर्माण होता है,
Antibodies का काम क्या होता है ये इम्यून सिस्टम द्वारा वायरस या बैक्टीरिया को पहचानती हैं और उनके खिलाफ युद्ध  छेड़ देती हैं, herd immunity का मतलब है धीरे धीरे जो व्यक्ति कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ लेगा वो कोरोना के प्रभाव को न्यूट्रल कर देगा, और ऐसी एन्टी बॉडीज शरीर मे उपलब्ध रहेंगी की इस वायरस को देखते ही खत्म कर देंगी, पर जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है वो मारे जाएंगे ।

सोचिए इतना विकसित देश और इस तरह की थ्योरी ला रहा, इसीलिए वहाँ एयरपोर्ट पर चेक्स अब तक नही हैं, दूसरी ओर भारत आपको पुलिस भेज कर इलाज के लिए उठवा रहा 

फ्री में quarantine facility में रख रहा, और आप क्या कर रहें ?

आप मास्क का स्टॉक इकट्ठा कर रहें
प्लेटफॉर्म टिकट पे लड़ रहे हैं
हॉस्पिटल से भाग जा रहें
लक्षण होने पर भी चेक करवाने से डर रहें
एयरपोर्ट से भाग जा रहें 
विदेश से आने पर भी खुद को 14 दिन के लिए आइसोलेट नही कर रहें हैं 
सरकार को ही गालियाँ दे रहें हैं 

और विदेशी मीडिया एक अलग हवा खड़ी कर रही कि भारत सरकार झूठ बोल रही है, इतने कम आंकड़े कैसे हैं वहाँ, न्यू यॉर्क टाइम्स ने तो बाकायदे लेख लिखकर भारत की खिल्ली उड़ाई है, कहा है गौमूत्र से कोरोना इलाज ढूंढने वाले लोगो के यहाँ बस तीन मौतें अब तक कैसे हुई हैं ?

उनकी ये जलन हमारी जीत है ।
अगर हम बड़ी महामारी के शिकार से खुद को बचा लेते हैं तो पहली बार हम किसी चीज में अमेरिका यूरोप से आगे होंगे वो भी सीमित संसाधनों के साथ ।

सोचिए वो क्षण
पर सबकुछ जनता के हाँथ में ही है, सरकार अपना कार्य बखूबी कर रही है...

सदैव सकारात्मक रहें

समझिये कैसे आज का दु:ख कल का सौभाग्य बनता है.....



महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे...पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से होंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता था...

मजे की बात ये कि इस होंसले की वजह किसी ऋषि-मुनि या देवता का वरदान नहीं बल्कि श्रवण के पिता का श्राप था....

दशरथ जब-जब दुःखी होते थे तो उन्हें श्रवण के पिता का दिया श्राप याद आ जाता था... (कालिदास ने रघुवंशम में इसका वर्णन किया है)

श्रवण के पिता ने ये श्राप दिया था कि ''जैसे मैं पुत्र वियोग में तड़प-तड़प के मर रहा हूँ वैसे ही तू भी तड़प-तड़प कर मरेगा.....''

दशरथ को पता था कि ये श्राप अवश्य फलीभूत होगा और इसका मतलब है कि मुझे इस जन्म में तो जरूर पुत्र प्राप्त होगा.... (तभी तो उसके शोक में मैं तड़प के मरूँगा)

यानि यह श्राप दशरथ के लिए संतान प्राप्ति का सौभाग्य लेकर आया....

ऐसी ही एक घटना सुग्रीव के साथ भी हुई....

सुग्रीव जब माता सीता की खोज में वानर वीरों को पृथ्वी की अलग - अलग दिशाओं में भेज रहे थे.... तो उसके साथ-साथ उन्हें ये भी बता रहे थे कि किस दिशा में तुम्हें क्या मिलेगा और किस दिशा में तुम्हें जाना चाहिए या नहीं जाना चाहिये.... 

प्रभु श्रीराम सुग्रीव का ये भगौलिक ज्ञान देखकर हतप्रभ थे...

उन्होंने सुग्रीव से पूछा कि सुग्रीव तुमको ये सब कैसे पता...?

तो सुग्रीव ने उनसे कहा कि...''मैं बाली के भय से जब मारा-मारा फिर रहा था तब पूरी पृथ्वी पर कहीं शरण न मिली... और इस चक्कर में मैंने पूरी पृथ्वी छान मारी और इसी दौरान मुझे सारे भूगोल का ज्ञान हो गया....''

सोचिये अगर सुग्रीव पर ये संकट न आया होता तो उन्हें भूगोल का ज्ञान नहीं होता और माता जानकी को खोजना कितना कठिन हो  जाता...

इसीलिए किसी ने बड़ा सुंदर कहा है :-

"अनुकूलता भोजन है, प्रतिकूलता विटामिन है और चुनौतियाँ वरदान है और जो उनके अनुसार व्यवहार करें.... वही पुरुषार्थी है...."

ईश्वर की तरफ से मिलने वाला हर एक पुष्प अगर वरदान है.......तो हर एक काँटा भी वरदान ही समझो....

मतलब.....अगर आज मिले सुख से आप खुश हो...तो कभी अगर कोई दुख,विपदा,अड़चन आजाये.....तो घबराना नहीं.... क्या पता वो अगले किसी सुख की तैयारी हो....

                सदैव सकारात्मक रहें..

रविवार, 15 मार्च 2020

कोरोना वाइरस....

आज कोरोना नामक एक मामूली से वायरस ने विश्व इकोनॉमी को औंधे मुंह गिरा दिया है. 

और, चीन समेत दुनिया के सभी देश डर के मारे बाप-बाप चिल्ला रहे हैं...!

कहा जाता है कि इस वाईरस के कारण चीन पांच साल पीछे चला गया.

साथ ही..... दुनिया भर को फतेह करने का ख्वाब देखने वाले चीन के वो सभी प्रोजेक्ट बंद पड़ चुके हैं जो उसने पच्चीस से ज्यादा देशों में चला रखे हैं.

वूहान जैसे कई शहर वीरान हो चुके हैं....

ईरान, इटली आदि का तो इससे भी ज्यादा बुरा हाल है.... और, वहां दस करोड़ से अधिक लोग अपने ही घरों में कैद हैं.

हजारों मारे गये..... और, दुनिया खरबों डॉलर का नुकसान झेल रही है.

और तो और.... दुनिया भर में जिहाद चलाने वाले और खुदा के सिवा किसी और से ना डरने का दावा करने वाले... डर के मारे मक्का-मदीना में कदम नहीं रख रहे हैं.... 
और, मक्का मदीना वीरान पड़ा है.

अब समझ में आ गई होगी कि.... हमारा सनातन हिन्दू धर्म हजारों लाखों सालों से प्रकृति की पूजा पर इतना जोर क्यों देता है..? 

हमारा सनानत धर्म.... अगर नदियों पेड़ों पहाड़ों सूर्य बादल हवा को पूजनीय बताता है.... तो, इसका ठोस वैज्ञानिक कारण है.

अब ये भी समझ आ गया होगा कि.... 
रोज नहाने (खुद की साफ-सफाई), सूर्य को जल चढ़ाने (उगते सूर्य के प्रकाश में खड़ा होना),  हर पर्व-त्योहार में घर की सफाई.... यज्ञ-हवन आदि के माध्यम से घर समेत पूरे मुहल्ले को सैनिटाइज करने का महत्व क्या है ???

साथ ही... किसी से हाथ मिलाने की जगह उसे प्रणाम करना.... 
और, मृतक को दफनाने की जगह जला देने की परंपरा का महत्व समझ आ गई होगी दुनिया को.

इसीलिए एक बात याद रखें कि....

अगर धरती और धरती पर मौजूद मानव सभ्यता को बचाना है तो...

अंततः.... मानव की सभी सभ्यताओं को हिन्दू सनातन धर्म की शीतल छांव में आना ही होगा...!!

क्योंकि, बकसोदी चाहे कोई कितना भी कर ले.... 
लेकिन, यही एकमात्र अंतिम उपाय है...!

जय सनातन धर्म की ⛳
जय महाकाल...!!! 🚩
जय श्री राम  🚩
🙏🙏🙏

शनिवार, 14 मार्च 2020

शुक्रवार, 13 मार्च 2020

मज़ाक तक....


जैसलमेर और बीकानेर बस रूट पर....
बीच मे एक बड़ा सा गाँव है जिसका नाम है नाचना

वहाँ से बस आती है तो लोग कहते है कि 
नाचने वाली बस आ गयी 😎 
कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता..
नाचने वाली सवारियाँ उतर जाएं बस आगे जाएगी 😎

इमरजेंसी में रॉ का एक नोजवान अधिकारी जैसलमेर आया 
रात बहुत हो चुकी थी,
वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा 
थानेदार साहब कहाँ है?

सिपाही ने जवाब दिया थानेदार साहब नाचने गये है,😎

अफसर का माथा ठनका उसने पूछा डिप्टी साहब कहाँ है ,
सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया-
हुकुम 🙏🏻 डिप्टी साहब भी नाचने पधारे है😎

अफसर को लगा सिपाही अफीम की पिन्नक में है, उसने एसपी के निवास पर फोन📞 किया।

एसपी साहब है?
जवाब मिला नाचने गये है 
लेकिन नाचने कहाँ गए है ये तो बताइए ?

बताया न नाचने गए है,सुबह तक आ जायेंगे।

कलेक्टर के घर फोन लगाया वहाँ भी यही जवाब मिला,साब तो नाचने गये है

अफसर का दिमाग खराब हो गया, ये हो क्या रहा है इस सीमावर्ती जिले में ओर वो भी इमरजेंसी में।
पास खड़ा मुंशी ध्यान से सुन रहा था और वो बोला हुकुम बात ऐसी है की दिल्ली से आज कोई मिनिस्टर साहब नाचने आये है।
इसलिये सब हाकिम लोग भी नाचने पधारे है
😜💃🏻😜💃🏻😜💃🏻😜

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