थोड़ा थक गया हूँ,
दूर निकलना छोड़ दिया है,
ऐसा नहीं की मैने चलना छोड़ दिया है ।
फासले अक्सर रिश्तों में दूरी बढ़ा देते है,
पर ऐसा नहीं है कि मैंने अपनों से मिलना छोड़ दिया है ।
हाँ ज़रा अकेला हूँ दुनिया की भीड़ मे,
पर ऐसा नहीं है कि मैंने अपनापन छोड़ दिया है
याद आज भी करता हूँ अपने सभी अपनों को,
परवाह भी है मन मे बस कितना करता हूँ ये बताना छोड़ दिया है ।
थोड़ा थक गया हूँ,
दूर निकलना छोड़ दिया है,
ऐसा नहीं है कि मैंने चलना छोड़ दिया है,
पर अब भीड़ मे रहना छोड़ दिया है ।
गुलज़ार...
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Thank you .............