दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको, हम तो अपनों के रूठ जाने से डरते हैं…
ऐ उम्र... कुछ कहा मैंने, शायद तूने सूना नहीं, तू छीन सकती है बचपन मेरा, पर मेरा बचपना नहीं ।
तुम्हें क्या पता हमने कैसे दिन गुजरे हैं 30 रुपये के दहीपुरी की जगह 10 रुपये के वडापाव खाके गुजारे हैं