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रविवार, 6 सितंबर 2015

ऐ उम्र.....

ऐ उम्र...
कुछ कहा मैंने, शायद तूने सूना नहीं,
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर मेरा बचपना नहीं ।

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