दो बातें…….
पहली……
मैं ऐसा इन्सान नहीं की कोई एक थप्पड़ गाल पर मारे और मैं दूसरा उसके सामने कर दूँ…… उसका गाल लाल क्या काला करदूं…….
दूसरी……..
यदि कोई हमारे लिए जरा सा झुके उसके लिए सर कटाने के लिए तैयार रहता हूँ…….
इसका , मतलब ये नहीं मैं महात्मा गाँधी से नफ़रत करता हूँ…… ज्यादा से ज्यादा सत्य बोलने की कोशिस करता हूँ…… कभी कभी अहिंसा भी कर लेता हूँ…… परन्तु हमेशा सत्य के साथ रहता
हूँ……।
पहली……
मैं ऐसा इन्सान नहीं की कोई एक थप्पड़ गाल पर मारे और मैं दूसरा उसके सामने कर दूँ…… उसका गाल लाल क्या काला करदूं…….
दूसरी……..
यदि कोई हमारे लिए जरा सा झुके उसके लिए सर कटाने के लिए तैयार रहता हूँ…….
इसका , मतलब ये नहीं मैं महात्मा गाँधी से नफ़रत करता हूँ…… ज्यादा से ज्यादा सत्य बोलने की कोशिस करता हूँ…… कभी कभी अहिंसा भी कर लेता हूँ…… परन्तु हमेशा सत्य के साथ रहता
हूँ……।
समय और परिस्थिति के अनुसार मनुष्य मे बदलाव आना ही चाहिए
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