आजकल की लड़कियां जिन्हें कच्ची उम्र में प्यार करने का शौक होता है वह कितना भयानक होता है. अक्सर लड़कियां चौदह पन्द्रह साल की उमर में प्यार की गलियों की सैर करनीलगती हैं जिसके परिणाम बेहद घातक साबित होते है.
आजकल का विषय बलात्कार है जिसकी एक वजह शायद कहीं ना कहीं लड़कियां का अधिक भोलापन भी है जिसकी वजह से वह बहुत जल्दी भटक जाती हैं. फिलहाल आप इस कविता के मर्म को समझिए, हो सकता है आपको भी कवि की भावना समझ आ जाए.......
आजकल का विषय बलात्कार है जिसकी एक वजह शायद कहीं ना कहीं लड़कियां का अधिक भोलापन भी है जिसकी वजह से वह बहुत जल्दी भटक जाती हैं. फिलहाल आप इस कविता के मर्म को समझिए, हो सकता है आपको भी कवि की भावना समझ आ जाए.......
" सुनो लड़की "
अभी तुम इश्क मत करना,
अभी गुड़िया से खेलो तुम,
तुम्हारी उम्र ही क्या है,
अभी मासुम बच्ची हो,
नहीं मालूम अभी तुमको,
कि जब ये इश्क होता है,
तो इंसान कितना रोता है,
सितारे टूट जाते हैं, सारे छुट जाते है,
सहारे छुट जाते हैं,
अभी तुमने नहीं कि जब साथी बिछड़ते हैं,
तो कितना दर्द होता है,
हजारों गम उभरते हैं,
हजारों जख्म खुलते हैं,
सुनो लड़की मेरी मानो पढ़ाई पर तवज्जों दो,
किताबों में गुलाब को नहीं रखना,
किताबें जब भी खुलेंगी तो ये कांतो कि तरह दिल में चुभने लगेगी,
किसीको खत मत लिखना,
लिखाई पकड़ी जाती है,
बड़ी रुसवाई होती है,
किसीको फोन मत करना,
वो आवाजें सताती हैं,
मेरी नज्में नहीं पढ़ना,
ये तुम्हें पागल बना देंगी,
सुनों लड़की मेरी मानो तुम अभी इश्क मत करना,
अपनी तकदीर से तुम खुलके मत लड़ना
अभी तुम गुड़िया से खेलो,
अभी तुम इश्क मत करना........
" श्याम विश्वकर्मा "
wha zindgi ki sacchi sbk samne rkhne k liye sukriya......
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