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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013
बुधवार, 27 फ़रवरी 2013
आईना.......
आईना ना दिखाओ हमें
हम तो आईना के ब्यापारी हैं.......
हमने तो टूटते हुवे देखा है अपने सामने
क्या अब आप की बारी है........
हम तो आईना के ब्यापारी हैं.......
हमने तो टूटते हुवे देखा है अपने सामने
क्या अब आप की बारी है........
रविवार, 3 फ़रवरी 2013
शहर दौड़ा जा रहा है......
शहर दौड़ा जा रहा है न जाने कहाँ के लिए.
फिर भी ज़िन्दगी इतनी आहिस्ता सी दिखती है क्यों.....
फिर भी ज़िन्दगी इतनी आहिस्ता सी दिखती है क्यों.....
मत पूछो......
मत पूछो जिंदगी का सफ़र कैसा है............
जो बीत जाये अच्छे से वही स्वर्ग जैसा है........
जो बीत जाये अच्छे से वही स्वर्ग जैसा है........