पृष्ठ

रविवार, 3 फ़रवरी 2013

शहर दौड़ा जा रहा है......

शहर दौड़ा जा रहा है न जाने कहाँ के लिए.
फिर भी ज़िन्दगी इतनी आहिस्ता सी दिखती है क्यों.....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you .............