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शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
मेरी बाहों में .........
दर्द जब आंसुओं में ढल जाएँ,
मेरी आँखों में आके बह जाना |
भूलकर कशमकश ज़माने की,
मेरी बाहों में आके रह जाना |
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