जब छोटा था तो
माँ से अक्सर एक ही सवाल पूछता था
मैं कब पापा जितना बड़ा होऊंगा
माँ हंसकर उस बात को टाल जाती थी
फिर जब भी वक़्त मिलता था
तो आईने के सामने
खड़े होकर मैं बड़े होने की
practice भी करता था
अब जब बड़ा हो गया हूँ तो
वापिस उस बचपन को ढूढ़ता हूँ
और अक्सर अपनी उम्र
भूलने की कोशिश भी करता हूँ
लेकिन जब जब भी
आईने के सामने आता हूँ
मेरे सिर के काले बालो
से निकलकर कुछ सफ़ेद
मेरी तरफ देखकर मुझे
मेरी उम्र मुझे बता जाते है ....
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