1. एक दिन बुखार महसूस हुआ-
वायरल है यार, कोविड-वोविड कुछ नहीं, एक पैरासिटामोल ले लेता हूं।
2.बुखार के दूसरे दिन-
मेडिकल स्टोर से एंटिबायोटिक्स ले लेता हूं, करोना टेस्ट की जरूरत नहीं है, जबरदस्ती पाज़ीटिव बता देंगे।
3.बुखार के तीसरे दिन-
बुखार नहीं उतर रहा तो सीटी स्कैन करा लेता हूं, आरटी- पीसीआर की रिपोर्ट तो चार दिन बाद आएगी ( सीटी का स्कोर पहले दो तीन दिन में 3-4 ही रहता है तो निश्चिंत हो गया कि मैं स्वस्थ हूं)
4. बुखार के चौथे दिन-
आज भी बुखार है, चलो ब्लड टेस्ट करा लेता हूं ( ब्लड टेस्ट में क्रास रिएक्शन की वजह से फाल्स टायफाइड पाज़िटिव दिखता है ये इसे नहीं मालूम) ओ तेरी..., ये तो टायफाइड हो गया है।
5.बुखार के पांचवें दिन-
अब टायफाइड का पता चल ही गया है तो मेडिकल स्टोर से एंटिबायोटिक्स ले लेता हूं, जबरन डाक्टर दो-चार सौ ले लेगा।
6.बुखार के छठवें दिन-
एंटिबायोटिक्स चल रही हैं, पर कमजोरी बहुत लग रही है।
7.बुखार के सातवें दिन-
डाक्टर मित्र को फोन करके पूछा तो उसने कहा आरटीपीसीआर करवाओ, वहां पहुंचे तो बड़ी भीड़ थी बड़ी मुश्किल से टेस्ट हुआ, अब रिपोर्ट तीन दिन में आएगी।
8.बुखार के आठवें दिन-
अब तो उठने बैठने में सांस फूलने लगी, आक्सीजन लेवल चैक करवाया तो 85 निकला डाक्टर ने फौरन भर्ती हो कर आक्सीजन लगवाने को कहा, अब ना कहीं बेड मिल पा रहा और ना आक्सीजन ( सरकार को गरियाना शुरू, साला कोई व्यवस्था नहीं, कोई सुनवाई नहीं)
जैसे तैसे बेड और आक्सीजन की व्यवस्था हुई
भाईयो, बुखार आते ही क्वालिफाइड डाक्टर से मिलें, उटपटांग सलाह और मनमर्जी से निर्णय नहीं लें, और जांच जरूर करवाएं। पहले दिन तबियत खराब होते से ही सचेत हो जाए और स्थिति बिगड़ने से पहले ही कोविड का इलाज प्रारंभ कर दें, यह भी देखने मे आ रहा है कि कई लोग सिर्फ़ टेस्ट या इलाज शुरू नही कर रहे है कि पड़ोसी या रिश्तेदारों को पता चल जायेगा, पर ये नही समझ रहे है कि इससे ज्यादा उनकी जान जरूरी है
5-6 दिन तक इलाज शुरू नही होने की वजह से लोगों की जान पर बन आ रही हैं। 🙏🏻
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Thank you .............