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रविवार, 15 सितंबर 2019

छुट्टी विश्वकर्मा / जयंती

छुट्टी
हां छुट्टी तो होनी चाहिए पर कब?
विश्वकर्मापूजा को या विश्वकर्माजयंती(प्रकट दिन)  को ?

कुछ लोगों का मानना है विश्वकर्मा पूजा (17 September) को छुट्टी होनी चाहिए पर कुछ लोगों का मानना है विश्वकर्मा जयंती (प्रकट दिन) (माघ शुक्ल पक्ष, त्रयोदसी) के दिन छुट्टी होनी चाहिए। जबकि हर दूसरे साल विश्वकर्मा पूजा के समय #पितृपक्ष होता है। छुट्टी की मांग विश्वकर्मा जयंती का करना  चाहिए। शास्त्रानुसार जयंती उपयुक्त रहेगा, और विधि विधान से पूजन भी हो सकता है।

(बहुत दिन से देख रहा हूँ छूट्टी की मांग हो रही है, पर तर्क के साथ कोई भी मांग नहीं कर रहा है छुट्टी की मांग करना है तो हिन्दू धर्मानुसार मांग होनी चाहिए... तिथि अनुसार होना चाहिए... मुंडन करना है तो तिथि, शादी करनी है तो तिथि, हमारे तीज तेव्हार तिथि अनुसार )

सनातन धर्मानुसार विश्वकर्मा जयंती (प्रकट दिन) की छुट्टी होनी चाहिए।

रविवार, 14 जुलाई 2019

अंत मे हम दोनों ही होंगे...

भले ही झगड़े, गुस्सा करे,
एक दूसरे पर टूट पड़े
एक दूसरे पर दादागिरि करने के
लिये, अन्त में हम दोनों ही होंगे


जो कहना हे, वह कह ले,
जो करना हे, वह कर ले
एक दुसरे के चश्मे और
लकड़ी ढूँढने में,
अन्त में हम दोनों ही होंगे


मैं रूठूं तो तुम मना लेना,
तुम रूठो ताे मै मना लूँगा
एक दुसरे को लाड़ लड़ाने के लिये,
अन्त में हम दोनों ही होंगे


आँखे जब धुँधली होंगी,
याददाश्त जब कमजोर होंगी
तब एक दूसरे को एक दूसरे
मे ढूँढने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे


घुटने जब दुखने लगेंगे,
कमर भी झुकना बंद करेगी
तब एक दूसरे के पांव के नाखून काटने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे


“मेरी हेल्थ रिपोर्ट एक दम नॉर्मल
है, आइ एम आलराईट
ऐसा कह कर ऐक दूसरे को
बहकाने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे


साथ जब छूट जायेगा,
बिदाई की घड़ी जब आ जायेगी
तब एक दूसरे को माफ करने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे…


सोमवार, 29 अप्रैल 2019

दिशाशूल विचार यात्रा...

दिशाशूल विचार यात्रा करने से पहले जरूर जान लें – दिशाशूल के ऊपर एक पुरानी कहावत है।


सोम शनीचर पूरब न चालू। मंगल बुध उत्तर दिश कालू।
रवि शुक्र जो पश्चिम जाय। हानि होय पथ सुख नहीं पाए।
बीफे दक्खिन करे पयाना। फिर नहिं समझो ताको आना।

  • सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  • मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  • रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  • वीरवार या बृहस्पति को दक्षिण दिशा की और यात्रा करना बहुत ही खतरनाक होता है।

मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

बदले की कार्यवाही...

यह खबर मेरी पसंद की है... समाचारों के अनुसार "अब जाकर" काँग्रेस ने तय किया है कि वे भी मध्यप्रदेश में १५ वर्षीय मामाजी कार्यकाल के तमाम घोटालों और अनियमितताओं के खिलाफ FIR, छापे और जाँच आरम्भ करेंगे... धन्यवाद मोदीजी...

कई वर्षों से मेरी यह चाहत रही है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बिलकुल सरेआम "बदले की कार्यवाही" जैसी कार्यवाही होनी चाहिए... अभी तक ये होता था कि काँग्रेस और भाजपा के ऊँचे लेवल के नेता आपस में मिलजुलकर माल खाते थे (व्यापम इसका साक्षात उदाहरण है), और जो भी पार्टी सत्ता में आती थी, वह दूसरे के खिलाफ कुछ नहीं करती थी...

लंबी प्रतीक्षा के बाद अब पिछले पाँच वर्षों के मोदीजी के कारनामे की वजह से काँग्रेस बिलकुल हताश-निराश-उद्विग्न-असंतोषी-क्रोधी बन चुकी है... इसलिए अब मुझे पूरी उम्मीद है कि ये दोनों प्रमुख पार्टियाँ जब-जब, जहाँ-जहाँ, जैसे-जैसे सत्ता में आती जाएँगी... अपने विपक्षी पार्टी के कपड़े उतारने और चोरों को पकड़ने का पूरा प्रयास करेंगी... (बशर्ते इन दोनों में कोई गुप्त समझौता न हो जाए).

मोदीजी का एक बार पुनः धन्यवाद... पहले नोटबंदी करके... फिर आधार कार्ड को तमाम योजनाओं से जोड़कर दल्ल्लों को खत्म करके... फिर एक-एक करके सफाई से कई कांग्रेसियों को जेल के दरवाजे अथवा जमानत तक पहुंचाकर उन्होंने ही यह स्थिति पैदा की है. अब काँग्रेस को जब भी मौका मिलेगा, वह भाजपा से बदला लेगी...

मेरे जैसे सामान्य और मामूली व्यक्ति की सदा से यही इच्छा रही है कि सभी प्रकार के भ्रष्टाचारियों को पकड़ो... उन्हें कोर्ट में खींचो... अब "चोर-चोर-मौसेरे भाई" आपस में दुश्मन बन रहे हैं... यानी बहुत मजा आएगा... बहुत ही मजा आएगा...

मोबाइल कंपनियां

अगर आपको लगता है इसमें सच्चाई है तो कृपया अधिक से अधिक शेयर कर के इसे सरकार तक पहुंचाएं...
 
कहीं ऐसा तो नहीं इंटरनेट मुहैया करवाने वाली कुछ लुटेरी (आइडिया, वोडाफोन, एयरटेल) जैसी लुटेरी कंपनियों ने ट्राई के अधिकारीयों के मुहं में हड्डी ठूंस दी है, जिससे इनको जनता को मिलने वाली मुफ्त सुविधा देखना इनकी आँख की किरकिरी बन चुका है,
अब जियो वाले अपने ग्राहकों को कितने पैसे में कितना टॉकटाइम या डेटा दे रहे हैं.. इससे ट्राई वाले को क्या मुसीबत हो गयी ? ? ट्राई ने आदेश दिया है कि जियो वाले "समर छूट" 3 महीने नहीं बढ़ा सकते.. यहां तक कि प्राइम ऑफर अप्रैल तक ही करवाने को था तो 15 दिन का एक्सटेंशन क्यों दिया गया ? ?

ना जाने कितने सालों से एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, aircel आदि करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई को चूस रही थी.. करोडो लोगों का एक ही दिन में कोई प्लान एक्टिवेट करके 30 रूपये बिना बताए काट लेती थी... जो मर्जी आये वैसे टॉकटाइम का रेट रखती थी... कोई भी 250 के आसपास ही एक gb डाटा देता था.. अरबों खरबों की लूट जारी थी.. तब ट्राई वालों ने जनता के दुःख दर्द को नहीं सुना.. इस लूट में से ट्राई के अफसर भी करोड़ों रूपये खाते रहे और अंधे बने रहे...

मैंने यूँही हिसाब लगाया था.. कि अगर 30 रूपये 1 लाख ग्राहक का एक बार में कट जाए तो एक झटके में 3000000 रूपये हो जाते हैं.. किसी opertor के पास एक करोड़ ग्राहक हैं और वो इस तरह से हर दिन कोई ना कोई घपला करके 30 लाख या 50 लाख कमाये तो सोचिये ये कितना बड़ा लूट है... बहुत मामले में तो आपके पास 50 रूपाये का बैलेंस है और कंपनी ने एक लाख ग्राहक के सिर्फ 5 रूपये भी काट लिए तो सोचिये कितने हो गए.. ग्राहक भी सोचता है.. मैंने ही कुछ कॉल किया होगा.. या संशय में पड़ कर ज्यादा नहीं सोचता... और फिर कौन सा ग्राहक 5 या 10 या 30 रूपये के लिए कोर्ट में जाकर इनसे लड़ेगा.. ? ज्यादातर लोगों को तो पता ही नही चलता कि उनका पैसा कट गया है ..

लेकिन आज जब जियो वाले ने देश के दूरसंचार घोटाले को सफलता पूर्वक बंद कर दिया तो... ट्राई वालों को भारतीय जनता की ये ख़ुशी देखी नहीं जा रही... जाहिर है विपक्षी ऑपरेटरों ने ऐसे गलत फैसले दिलवाने के लिए ट्राई के घूसखोर अफसरों तक बड़ी रकम पहुंचाई होगी...

सोमवार, 8 अप्रैल 2019

राफेल और कांग्रेस...

राफेल✈ का मामला असली में हैं क्या, लास्ट लाईन तक जरूर पढ़ें, तभी समझ मे आ पायेगा ...

बात शुरू होती हैं वाजपेयी सरकार से तब अटलजी के विशेष अनुरोध पर भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्रम्होस 🚀मिसाइल तैयार की थी।

ब्रम्होस 🚀की काट आज तक दुनियां का कोई देश तैयार नही कर सका हैं।

विश्व के किसीं देश के पास अब तक ऐसी कोई टेक्नोलॉजी विकसित नही हुई जो ब्रम्होस को अपने निशाने पर पहुंचने से पहले रडार पर ले सके।

अपने आप मे अद्भुत क्षमताओं को लिये ब्रम्होस ऐसी परमाणु मिसाइल हैं जो 8000 किलोमीटर के लक्ष्य को मात्र 140 सेकेंड में भेद सकती हैं।

और चीन के लिये ब्रम्होस की यह लक्ष्य भेदन क्षमता ही सिरदर्द बनी हुई हैं।

न चीन आजतक ब्रम्होस की काट बना सका हैं न ऐसा रडार सिस्टम जो ब्रम्होस को पकड़ सके।

अटलजी की सरकार गिरने के बाद सोनियां के कहने पर कांग्रेस सरकार ने ब्रम्होस को तहखाने में रखवाकर आगे का प्रोजेक्ट बन्द करवा दिया।

जिसमें ब्रम्होस को लेकर उड़ने वाले फाइटर जेट विमान तैयार करने की योजना थी जो अधूरा रह गया।

दस वर्षों बाद जब मोदी सरकार आई तब तहखाने में धूल गर्द में पड़ी ब्रम्होस को संभाला गया वह भी तब! जब मोदी खुद भारतीय सेना से सीधा मिले तो सेना ने तब व्यथा बताई !

वर्तमान में ब्रम्होस को लेकर उड़ सके ऐसा सिर्फ एक ही विमान हैं और वह हैं राफेल ✈!

जी हाँ दुनियाभर में सिर्फ राफेल ✈ ही वो खूबियां लिये हुए हैं जो ब्रम्होस को सफलतापूर्वक निशाने के लिये छोड़कर वापिस लेंड करके मात्र 4 मिनट में फिर अगली ब्रह्मोस को लेकर दूसरे ब्लास्ट  को तैयार हो जाये।

मोदी ने फ्रांस से डील करके राफेल✈ को भारतीय सेना तक पहुंचाने का काम कर दिया और यहीं से असली मरोड़ चीन और उसके पिट्ठू वामपंथीयों को हुई।

इसमें देशद्रोही पीछे कैसे रहते! जो विदेशी टुकड़ो पर पलने वाले गद्दार अपने आका चीन के नमक का हक अदा करने मैदान में उतर आये ।

खैर ..शायद भारतीय सेना और मोदी दोनों इस तरह की आशंका को भांप गये तो राफेल✈ के भारत पहुंचते ही उसका ब्लेकबॉक्स सहित पूरा सिस्टम निकाला गया।

राफेल ✈ के कोड चेंज कर के उस में भारतीय कम्प्यूटर सिस्टम डाला गया जो राफेल ✈ को पूरी तरह बदलने के साथ उसकी गोपनीयता बनाये रखने में सक्षम था।

लेकिन बात यहीं नही रुकी राफेल✈ को सेना के सुपुर्द करने के बाद सरकार ने सेना को उसे अपने हिसाब से कम्प्यूटर ब्लेकबॉक्स और जो तकनीक सेना की हैं उसे अपने हिसाब से चेंज करने की छूट दे दी।

जिससे सेना ने छूट मिलते ही मात्र 48 घण्टो में राफेल ✈ को बदलकर रख दिया, जिससे चीन जो राफेल ✈ के कोड और सिस्टम को हैक करने की फिराक में था वह हाथ मलते रह गया।

फिर चीन ने अपने पाले वामपंथी कुत्तों को राफेल ✈ की जानकारी लीक करके उसतक पहुंचाने काम सौंपा गया।

भारत भर की मीडिया में भरे वामपंथी दलालों ने राफेल ✈ सौदे को घोटाले की शक्ल देने की नाकाम कोशिश की ताकि सरकार या सेना विवश होकर सफाई देने के चक्कर मे इस डील को सार्वजनिक करें।

जिससे चीन अपने मतलब की जानकारी जुटा सके पर सरकार और सेना की सजगता के चलते दलाल मीडिया का मुंह काला होकर रह गया तब!

फिर अपने राहुलगांधी मैदान में उतरे चीनी दूतावास में गुपचूप राहुलगांधी ने मीटिंग की उसके बाद राहुलगांधी ने चीन की यात्रा की और आते ही राफेल ✈ सौदे पर सवाल उठाकर राफेल ✈ की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग जोरशोर से उठने लगी।

पूरा मीडिया सारी कोंग्रेस की दिलचस्पी सिर्फ और सिर्फ राफेल ✈ की जानकारी सार्वजनिक कराने में हैं ताकि चीन ब्रम्होस 🚀 का तोड़ बना सके पर ये अबतक सम्भव नही हो पाया जिसका श्रेय सिर्फ कर्तव्यनिष्ठ भारतीय सेना और मोदीजी को जाता हैं। 

चीन ब्रम्होस की जानकारी जुटाने के चक्कर मे सीमा पर तनाव पैदा करके युद्ध के हालात बनाकर देख चुका हैं पर भारतीय सेना की चीन सीमा पर ब्रम्होस की तैनाती देखकर अपने पांव वापिस खेंचने को मजबूर हुआ था।

डोकलाम विवाद चीन ने इसीलिये पैदा किया था ताकि वह ब्रम्होस 🚀 और राफेल✈ की तैयारी देख सके ...

इधर कुछ भटके हुए लोग राहुलगांधी को प्रधानमंत्री पद के योग्य समझ रहें हैं जो खुद भारत की गोपनीयता और सुरक्षा को शत्रु देश के हाथों उचित कीमत पर बेचने को तैयार बैठा हैं ।

नेहरू ने भी लाखों किलोमीटर जमीन चीन को बेची थी और जनता समझती हैं भारत युद्ध हार गया । 

आज ये राफेल ✈ और ब्रम्होस 🚀 ही भारत के पास वो अस्त्र हैं जिसके आगे चीन बेबस हैं !

मेरा बस चले तो मैं इस पोस्ट को 40 सेकंड में 100 लोगों तक पंहुचा दूं ...

किंतु आप सभी शेयर करके और मित्रों तक पहुचाएं।
  🙏🏻एक सच्चा राष्ट्रभक्त🙏🏻
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