कुछ ज़ख्म इंसान के कभी नहीं भरते....... बस इंसान उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है.....
गर मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बैठ जाऊं..... तुम तो मेरा याद करना भी ना लौटा सकोगे....