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बुधवार, 12 नवंबर 2014

सन्नाटे में.....

"कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी,
किसी ने फूल रखके आंसूं की दो बूंद बहायी,
जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी,
अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी।"

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