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बुधवार, 4 जून 2014

ऐ दोस्त.....

जाते जाते इतना तो बता दे ऐ मेरे दोस्त
मैं भूल गया तो क्या तुझे मेरी याद आएगी?

अब तो सो जाओ......

ए रात यूँ ही क्यूँ आ जाती है
क्यूँ मुझको सुला के जाती है

कम से कम उनको सुला दिया कर
जिसको मेरे याद में नीद नहीं आती है ।