पृष्ठ

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

गाँव मेरा मुझे याद आता है.............


भागता मैं रहा इस शहर से उस शहर ..............
पर कोई था ............................
जो मुझको बुलाता रहा.............
गाँव मेरा मुझे याद आता रहा.............
एक प्यारा सा गाँव..
जिसमें पीपल की छाँव,
पेड़ जामुन के कुछ
खेत सरसों के कुछ
मीठा पानी कुँए का
मुझको बुलाता रहा .................
गाँव मेरा मुझे याद आता रहा.............
धान की बालियाँ..............
महकी अमराइयाँ.............
माटी की सौंधी महक............$.............
बीता बचपन मुझे.............
बुलाता रहा ..................
गाँव मेरा मुझे याद आता रहा..
माँ के आँचल का प्यार
दादी का दुलार................
वो सावन के झूले,
वो मीठी सी गुझिया
जिसमें कितना था लाड़...............
वो होली का फाग.................
रंग होली का मुझको बुलाता रहा .........
गाँव मेरा मुझे याद आता रहा..............
गाँव मेरा मुझे बुलाता रहा.............
गाँव मेरा मुझे याद आता रहा.............


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you .............