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गुरुवार, 25 अगस्त 2011

खाते हो वो पसंद नहीं आता ?

जो खाना खाते हो वोपसंद नहीं आता ?
..... .............. .....
थोड़ा पिज्जा कैसा रहेगा?

नहीं ??? ओके ........पास्ता ? नहीं ?? .. इसके बारे में क्या सोचते हैं ?


आज ये खाने का भी मन नहीं ? ...ओके ..
क्या इस मेक्सिकन खाने कोआजमायें ?


दुबारा नहीं ? कोई समस्या नहीं .....
हमारे पास कुछ और भी विकल्पहैं.......
ह्म्म्मम्म्म्म .चाइनीज ????? ??


बर्गर्सस्स्स्सस्स्स्स ?????


ओके ..हमें भारतीय खाना देखनाचाहिए ..
दक्षिण भारतीय व्यंजन ???
उत्तर भारतीय ?



जंक फ़ूड का मन है ?





हमारे पास अनगिनत विकल्पहैं .......
टिफिन ?



मांसाहार ?


ज्यादा मात्रा ?


आप इनमें से कुछ भी ले सकते हैं ...
या इन सब में से थोड़ा- थोड़ा लेसकते हैं ...


अब शेष बची मेल के लिए परेशान मत होओ....


मगर .. इन लोगों के पास कोई विकल्पनहीं है ...





इन्हें तो बस थोड़ा सा खाना चाहिए ताकिये जिन्दा रह सकें ..........



इनके बारे में अगली बार तब सोचना जबआप किसी केफेटेरिया या होटल में यहकह कर खाना फैंक रहे होंगे कि यह स्वादनहीं है !!


इनके बारे में अगली बार सोचना जब आपयह कह रहे हों ... यहाँ की रोटी इतनीसख्त है कि खायी ही नहीं जाती.........

कृपया खाने के अपव्यय कोरोकिये
अगर आगे से कभी आपके घर में पार्टी /समारोह हो और खाना बच जाये या बेकार जारहा हो तो बिना झिझके आप 1098 (केवलभारत में )पर फ़ोन करें - यह एक मजाक नहींहै - यह चाइल्ड हेल्पलाइन है वे आयेंगे औरभोजन एकत्रित करके ले जायेंगे।
कृप्या इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादाप्रसारित करें इससे उन बच्चों का पेट भरसकता है


कृप्या इस श्रृंखला को तोड़े नहीं .....
हम चुटकुले और स्पाम मेल अपने दोस्तोंऔर अपने नेटवर्क में करते हैं ,क्यों नहीं इसबार इस अच्छे सन्देश को आगे से आगे मेलकरें ताकि हम भारत को रहने के लिए दुनियाकी सबसे अच्छी जगह बनाने में सहयोग करसकें -
'
मदद करने वाले हाथप्रार्थना करने वाले होंठो सेअच्छे होते हैं ' - हमें अपनामददगार हाथ देंवे

सभी मित्रों को आगे सेआगे यह सन्देश भेजें



INDIA IS NOT POOR COUNTRY BUT POORLY MANAGED COUNTRY.