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शनिवार, 16 जुलाई 2011

गुण तुलसी के पौधे की


तुलसी की माला धारण जो लोग करते है उनके शरीर की विद्युत शक्ति कभी समाप्त नहीं होती है.तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति की असमय मृत्यु नहीं होती है और किसी बीमारी का संक्रमण भी नहीं होता है.तुलसी के पौधे में जबरदस्त विद्युत शक्ति होती है, जिससे इसके चारों तरफ चुम्बकिय मंडल मौजूद रहता है तुलसी की माला आकर्षण और वशीकरण भी प्रदान करती है.इसकी माला धारण करने से वाला सहज ही रूप में सामने वालों को आकर्षित करने की क्षमता रखता है.तुलसी की माला धारण करने वालों को सभी का प्यार और सम्मान प्राप्त होता है.

तुलसी का पौधा जगत प्रसिद्ध है यही एक पौधा है जिसकी जड़, पत्ती, फूल, मंजरी, डाली यानि सब कुछ मनुष्य के लिए उपयोगी होता है.तुलसी के पौधे का महत्व धर्म और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टि से है.तुलसी का पौधा दिन रात जीवनदायनी आक्सीजन छोड़ता है जिससे इसका महत्व और उपयोगिता बड जाती है. विष्णु पुराण, देवी भागवत में तुलसी से जुड़ी अनेक प्रसंग है.आयुर्वेद में तो तुलसी की पहचान एक महा औषधि के रूप में है.तुलसी का प्रयोग तांत्रिक अनुष्ठान में भी होता है. घर में तुलसी के पौधे की उपस्थिति एक वैद्य समान तो है ही यह वास्तु के दोष भी दूर करने में सक्षम है हमारें शास्त्र इस के गुणों से भरे पड़े है जन्म से लेकर मृत्यु तक काम आती है यह तुलसी.... कभी सोचा है कि मामूली सी दिखने वाली यह तुलसी हमारे घर या भवन के समस्त दोष को दूर कर हमारे जीवन को निरोग एवम सुखमय बनाने में सक्षम है माता के समान सुख प्रदान करने वाली तुलसी का वास्तु शास्त्र में विशेष स्थान है हम ऐसे समाज में निवास करते है कि सस्ती वस्तुएं एवम सुलभ सामग्री को शान के विपरीत समझने लगे है महंगी चीजों को हम अपनी प्रतिष्ठा मानते है कुछ भी हो तुलसी का स्थान हमारे शास्त्रों में पूज्यनीय देवी के रूप में है तुलसी को मां शब्द से अलंकृत कर हम नित्य इसकी पूजा आराधना भी करते है इसके गुणों को आधुनिक रसायन शास्त्र भी मानता है इसकी हवा तथा स्पर्श एवम इसका भोग दीर्घ आयु तथा स्वास्थ्य विशेष रूप से वातावरण को शुद्ध करने में सक्षम होता है शास्त्रानुसार तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधे मिलते है उनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से विद्यमान है सबके गुण अलग अलग है शरीर में नाक कान वायु कफ ज्वर खांसी और दिल की बिमारिओं पर खास प्रभाव डालती है.
भगवान विष्णु को तुलसी सर्वप्रिय है.भगवान विष्णु, राम, कृष्ण आदि देवताओं की कृपा पाने के लिए तुलसी की माला पर उनके नामो का जप करना अत्यंत ही आवश्यक है. तुलसी की माला गोल, सुंदर एक समान और १०८ दानो की होनी चाहिए. धार्मिक और तांत्रिक कार्यों में स्वर्ण या चांदी के मनकों से बनी माला से तुलसी के मनकों से बनी माला सौ गुणा पवित्र और प्रभावशाली होती है.तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति पर लक्ष्मी भी प्रसन्न रहती है.भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करते हुए तुलसी की माला जो व्यक्ति धारण करता है उसके पूर्व जन्म के पाप नष्ट होते है तथा सुख-सौभाग्य उसे प्राप्त होते है...



सामान्य से दिखने वाले तुलसी के पौधे में अनेक दुर्लभ और बेशकीमती गुण पाए जाते हैं। आइये जाने कि तुलसी का पूज्यनीय पौधा हमारे किस-किस काम आ सकता है-

- डेली 5 पत्तियां सुबह खाली पेट चूंसने से बीमार होने की संभावना काफी हद तक समाप्त हो जाती है, क्योंकि इससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।

- शरीर के वजन को नियंत्रित रखने में तुलसी बेहद कारगर और गुणकारी है।

- इसके नियमित सेवन से भारी व्यक्ति का वजन घटता है एवं पतले व्यक्ति का वजन बढ़ता है यानी तुलसी शरीर का वजन आनुपातिक रूप से नियंत्रित करती है।

- तुलसी के रस की कुछ बूंदों में थोड़ा-सा नमक मिलाकर बेहोंश व्यक्ति की नाक में डालने से उसे शीघ्र होश आ जाता है। - चाय बनाते समय तुलसी के 4-5 पत्ते साथ में उबाल लिए जाएं तो सर्दी, बुखार एवं मांसपेशियों के दर्द में तत्काल राहत मिलती है।

- 10 ग्राम तुलसी के रस को 5 ग्राम शहद के साथ सेवन करने से हिचकी एवं अस्थमा के रोगी को ठीक किया जा सकता है।

- तुलसी के काढ़े में थोड़ा-सा सेंधा नमक एवं पीसी सौंठ मिलाकर सेवन करने से कब्ज दूर होती है।

- दोपहर भोजन के पश्चात तुलसी की पत्तियां चबाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है।

- 10 ग्राम तुलसी के रस के साथ 5 ग्राम शहद एवं 5 ग्राम पिसी कालीमिर्च का सेवन करने से पाचन शक्ति की कमजोरी समाप्त हो जाती है।

- दूषित पानी में तुलसी की कुछ ताजी पत्तियां डालने से पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है।

2 टिप्‍पणियां:

Thank you .............