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शनिवार, 16 अप्रैल 2011
न रो सको तो चुप रहो .........
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न रो सको तो चुप रहो
यूँ हंसने से आंसुओं का अपमान होता है
उसके हौसले को
नज़रअंदाज न करो
उसकी जब्त स्थिति में मौन साथ दो
स्थितियों को हल्का न बनाओ !
कौन जाने किस रेगिस्तान में
वह प्यास बुझा जाये
और जीने का सबब बन जाये ...
Shyam
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